
Quote of the Day
पञ्च त्वानुगमिष्यन्ति यत्र यत्र गमिष्यसि ।
मित्राण्यमित्रा मध्यस्था उपजीव्योपजीविनः ॥ ८१ ॥
भावार्थ :
राजन् ! आप जहाँ-जहाँ जायँगे वहाँ-वहाँ मित्र- शत्रु, उदासीन, आश्रय देने वाले तथा आश्रय पाने वाले – ये पाँच आप के पीछे लगे रहेंगे।। ८१ ॥
( विदूर नीति -अध्याय एक- श्लोक संख्या 81)




