
Quote of the Day
प्रवृत्तवाक् विचित्रकथ ऊहवान् प्रतिभानवान्।
आशु ग्रन्थस्य वक्ता च यः स पण्डित उच्यते ॥
भावार्थ :
जो व्यक्ति बोलने की कला में निपुण हो, जिसकी वाणी लोगों को आकर्षित करे, जो किसी भी ग्रंथ की मूल बातों को शीघ्र ग्रहण करके बता सकता हो, जो तर्क-वितर्क में निपुण हो, वही ज्ञानी है ।


